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100 _aClear, James
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300 _a268 pg
500 _aलोग सोचते हैं कि जब आप अपने जीवन को बदलना चाहते हैं, तो आपको कुछ बड़ा सोचने की ज़रूरत होती है, लेकिन दुनिया के ख्याति प्राप्त आदतों के विशेषज्ञ जेम्स क्लियर ने एक अन्य तरीक़ा खोज निकाला है। उनका मानना है कि वास्तविक बदलाव सैकड़ों छोटे-छोटे निर्णयों के संयुक्त प्रभाव से आता है। छोटे निर्णयों में वे दो पुश-अप प्रतिदिन करने, पांच मिनट पहले जागने और मात्र एक पृष्ठ ज़्यादा पढ़ने जैसी बातों का उदाहरण देते हैं, जिन्हें वे एटॉमिक हैबिट्स कहते हैं। अपनी इस क्रांतिकारी किताब में क्लियर बताते हैं कि आख़िर कैसे छोटे-छोटे बदलाव जीवन को बदल देने वाले नतीजों में तब्दील हो जाते हैं। वे कुछ आसान तकनीकें बताते है जिससे किसी के जीवन में अस्त-व्यस्तता कम हो जाती है और जीवन अपेक्षाकृत आसान हो जाता है। इन तकनीकों में वे आदतों को क्रमबद्ध करने की भुलाई जा चुकी कला, दो मिनट के नियम की अप्रत्याशित शक्ति और गोल्डी लॉक्स ज़ोन में प्रवेश करने की तरकीब का उल्लेख करते हैं। आधुनिक मनोविज्ञान और न्यूरोसाइंस के गहन शोध के आधार पर वे व्याख्या करते हैं कि ये छोटे बदलाव क्यों मायने रखते हैं। साथ ही वे उन ओलिंपिक स्वर्ण पदक विजेताओं, शीर्ष सीईओ और विख्यात वैज्ञानिकों की प्रेरक कहानियां भी बताते हैं, जिन्होंने उत्पादक, उत्प्रेरित और प्रसन्न बने रहने के लिए छोटी आदतों के विज्ञान को अपनाया है।
504 _aलोग सोचते हैं कि जब आप अपने जीवन को बदलना चाहते हैं, तो आपको कुछ बड़ा सोचने की ज़रूरत होती है, लेकिन दुनिया के ख्याति प्राप्त आदतों के विशेषज्ञ जेम्स क्लियर ने एक अन्य तरीक़ा खोज निकाला है। उनका मानना है कि वास्तविक बदलाव सैकड़ों छोटे-छोटे निर्णयों के संयुक्त प्रभाव से आता है। छोटे निर्णयों में वे दो पुश-अप प्रतिदिन करने, पांच मिनट पहले जागने और मात्र एक पृष्ठ ज़्यादा पढ़ने जैसी बातों का उदाहरण देते हैं, जिन्हें वे एटॉमिक हैबिट्स कहते हैं। अपनी इस क्रांतिकारी किताब में क्लियर बताते हैं कि आख़िर कैसे छोटे-छोटे बदलाव जीवन को बदल देने वाले नतीजों में तब्दील हो जाते हैं। वे कुछ आसान तकनीकें बताते है जिससे किसी के जीवन में अस्त-व्यस्तता कम हो जाती है और जीवन अपेक्षाकृत आसान हो जाता है। इन तकनीकों में वे आदतों को क्रमबद्ध करने की भुलाई जा चुकी कला, दो मिनट के नियम की अप्रत्याशित शक्ति और गोल्डी लॉक्स ज़ोन में प्रवेश करने की तरकीब का उल्लेख करते हैं। आधुनिक मनोविज्ञान और न्यूरोसाइंस के गहन शोध के आधार पर वे व्याख्या करते हैं कि ये छोटे बदलाव क्यों मायने रखते हैं। साथ ही वे उन ओलिंपिक स्वर्ण पदक विजेताओं, शीर्ष सीईओ और विख्यात वैज्ञानिकों की प्रेरक कहानियां भी बताते हैं, जिन्होंने उत्पादक, उत्प्रेरित और प्रसन्न बने रहने के लिए छोटी आदतों के विज्ञान को अपनाया है।
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